उकाव(चढ़ाई )

PHOTO SOURCE- INTERNET
उकाव(चढ़ाई )
उकाव होली बतेरी,
पर हिम्मत न हारी,
झुकी जाली एक दिन 
दुनिया या सारी।
कलबल सी थोड़ा 
होलु प्राण,
याद रखी  उकाई का बाद 
सेनार ही आण.
चलदी रे 
हिम्मत न हारी,
खूट्टों  माँ चाहे 
पडी  जला छावा,
घाम हो चाहे 
बरखा हाँ मोटी,
अपड़ी जगा  पर 
ही रेदन डावा। 
उकाव होली बतेरी,
पर हिम्मत न हारी,
झुकी जाली एक दिन 
दुनिया या सारी।




1 comment: