बस इतना कमा लेता हूँ,
की नन्हे बचपन के साथ
मैं भी मुस्कुरा लेता हूँ.
कल्पनाओं की दुनिया
वो सपनों के सागर,
कुछ गोते मैं भी लगा देता हूँ.
कुछ मैं सीखता हूँ
उनकी नादानियों से,
कुछ अपने अनुभवों की
मैं भी सिखा देता हूँ।
ज्यादा कमाने की ख्वाहिश भी नहीं ,
रात की एक खूबसूरत नींद कमा लेता हूँ,
जेब खाली भी हो फ़र्क़ नहीं पड़ता
साथ उनके मुस्कुरा लेता हूँ..
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