Photo Source- euttaranchal .com
लगिगे जुकुडी झुराण मेरी
बैठी गे मन मां डौर,
नातणी आयीं मेरी
बस द्वी दिनों कु घौर.
अभी त वे थें दगडी हमारी
बेटा ब्वारी कु मचायूं शोर,
काम निपटावा जल्दी
ज्यादा नि रण घौर.
बोल्दी रेग्यों में बुढडी की
रुक जावा दों थोड़ा हौर.
भिटेण दयावा जी भरी की
खूब लगदु नातणी कु शोर.
लगिगे जुकुडी झुराण मेरी
बैठी गे मन मां डौर,
नातनी आयीं मेरी
बस द्वी दिनों कु घौर.
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