दगड़िया (दोस्त )

Photo Source- euttaranchal.com

दगड़िया (दोस्त )

चल दगड़िया लौट चले, 
फिर से अपने गाँव,
बुला रही है अपनी मिट्टी ,
वो पेड़ों की छाँव। 
आ चल फिर से दौड़ लगाए 
हम दोनों नंगे पाँव ,
रिमझिम रिमझिम बारिश में 
चलाये अपनी नाव.
आ चल फिर से बन जाएँ 
अपने आंगन के फूल,
चल उठा तू थाली अपनी 
चल चले स्कूल।
चल फिर से खा ले 
मास्टर जी की मार,
फिर चुरा ले मक्की, काखड़ी
ले आ नमक मिर्च तू यार.
चल दगड़िया लौट चले, 
फिर से अपने गाँव,
बुला रही है अपनी मिट्टी ,
वो पेड़ों की छाँव। 









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